Bihar Vanshavali Praman Patra :अगर आप भी बिहार राज्य के नागरिक हैं तो आपको बता दें कि बिहार सरकार की नई नियमों वाली किताब वंशावाली प्रमाण पत्र बनाने का जिम्मेदारी सरपंच को सौंप दिए गए हैं। इसके लिए बिहार के सभी जिला अधिकारियों एवं उप विकास आयुक्त एवं पंचायती राज अधिकारी समेत सभी अंचल अधिकारी को पत्र भेज वंशावली निर्गत करने के लिए सक्षम प्राधिकर को सूचना आ गया है ।
इसमें जिस व्यक्ति को वंशावली प्रमाण पत्र की जरूरत होंगे। उसे शपथ प्रमाण पर अपनी वंशावली का विवरण एवं स्थानीय निवासी होने का साक्ष के साथ आवेदन अपने ग्राम पंचायत सचिव को ₹10 शुल्क के साथ देने होंगे। इसके लिए आवेदक को रसीद पंचायत सचिव उपलब्ध कराएंगे। इसके बाद 15 दिनों के अंतराल में वंशावली आवेदक को सरपंच द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।
Bihar Vanshavali Praman Patra : वंशावली कहां से निर्गत होंगे
हालांकि सरकार द्वारा यह स्पष्ट नहीं किए गए हैं कि नगर पंचायत नगर परिषद एवं नगर निगम के आवेदकों को वंशावली कहां से निर्गत होंगे और कौन करेंगे यह एक अबूझ पहली बनी हुई है। इसको लेकर आए दिन आवेदक नगर एवं अंचल की ठोकरे खाते दिख रहे हैं। नगर के वार्ड नंबर 16 निवासी संतोष मालाकार अपने पिता की मृत्यु के पश्चात 15 दिनों से लागातार वंशावली के लिए भटक रहे हैं। तक हर कर सरकार को कोसते दिख रहे हैं।
आपको बता दें कि संतोष मालाकार ने कहे थे कि पहले इतनी आसानी से अंचल कार्यालय से वंशावली निर्गत होकर मिल जाते थे । अब सरकारी मुलाजिमों को ही नहीं समझ में आ रहे हैं कि कैसे बनेंगे । नगर के आवेदकों की वंशावली तो आम अवाम की कल्पना आप स्वयं कर सकते हैं।
Bihar Vanshavali Praman Patra : समस्या क्या है?
आपको बता दें कि वही बिशनपुर निवासी संजय सिंह तोमर का कहना है कि सरकार का आया फैसला बिल्कुल गलत है। कि किसी पंचायत प्रतिनिधि को इस निर्गत करने का अधिकार दे दिए गए हैं क्या सरकार नहीं जानते हैं कि पंचायत में लोकल राजनीति के तहत प्रतिनिधि द्वेष से प्रेरित होते हैं। तो क्या उसे स्थिति में अपने पक्ष में मतदान नहीं करने वाले आवेदक का वंशावली बनाना संभव हो पाएंगे। वही मोआपखुदर स्थित बाजार टोला निवासी रमेश सिंह ने सरकार के इस फैसले को गलत बताते हुए इसे तुगलकी फरमान करार दिए।
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