Om Shaped Shiva Temple : अगर आप भी भारत देश के निवासी हैं । तो आपको बता दें कि राजस्थान के पाली जिले में महादेव को समर्पित विश्व का पहला ओम आकार का मंदिर बनकर तैयार हो चुके हैं। ऐसे में मंदिर का भूमि पूजन वर्ष 1995 में हो चुके थे लेकिन इसके निर्माण कार्य में 28 वर्षों का समय लगे हैं तो ऐसे में लिए जानते हैं । इस मंदिर से जुड़ी कुछ प्रमुख बातें और साथ ही मंदिर की विशेषताओं के बारे में भी पूरी जानकारी जानेंगे।
आपको बता दें कि हिंदू धर्म में ओम की ध्वनि बड़ी ऊर्जावान माना जाता है। यह वातावरण को सकारात्मक बनाने में भी मददगार साबित होता है। इसी के साथ शास्त्रों में ओम की ध्वनि में अकार उकार और माकार समाहित है। आपको बता दें कि यह ध्वनि प्राकृतिक गुना को भी दर्शाते हैं । जो सत, रज और तम गुण का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी ओम आकार की तर्ज पर विश्व का पहला मंदिर हाल ही में राजस्थान के पाली जिले में बनकर तैयार हुए हैं।
सूत्रों के मिटे अभी इस मंदिर को बनाने में पूरे 28 वर्षों का समय लगे हैं । इस मंदिर का भूमि पूजन वर्ष 1995 में ही हो गए थे । आगामी 19 फरवरी 2024 को इस मंदिर में रखी प्रतिमाओं की प्रात प्रतिष्ठा होने जा रहे हैं तो ऐसे में आपको बता दें कि यह मंदिर बहुत ही भव्य और महादेव को पूर्णत: समर्पित है तो ऐसे में लिए जानते हैं। इस मंदिर से जुड़ी प्रमुख कुछ बातें और इसकी विशेषताओं के बारे में भी जानेंगे।
Om Shaped Shiva Temple : इस दिन होगी प्राण प्रतिष्ठा मंदिर की
आपको बता दे की मंदिर के निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद अब इसमें रखे प्रतिमाओं की प्रांत प्रतिष्ठा होगी मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम का धार्मिक अनुष्ठान 19 फरवरी 2024 को होगी । आपको बता दें कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए यहां 10 फरवरी से 18 फरवरी तक शिव पुराण की कथा भी किया जा रहा है । ऐसे में आपको बता दें कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में देशभर से साधु संत सहित श्रद्धालुओं का आने होगी।
Om Shaped Shiva Temple : जानिए मंदिर की प्रमुख विशेषताएं
- आपको बता दें कि ओम आकार का इस मंदिर के प्रणेता श्री अकाल पुरी सिद्धपीठ परंपरा के पीठधीश्वर महामंदेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने 40 वर्ष पूर्व इस मंदिर के निर्माण का सपना देखे थे।
- इस योग मंदिर का परिसर लगभग 250 एकड़ में फैले हुए हैं मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंग भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं और 108 कक्ष उपलब्ध है।
- आपको बता दे की मंदिर नागर शैली के अनुरूप बनाए गए हैं और इसमें उतरी भारतीय वास्तु कला का भी ध्यान दिए गए हैं। शिव मंदिर होने के साथ-साथ यहां 7 ऋषियों की समाधि भी मौजूद है।
- ओम आकर के इस मंदिर का शिकार 135 फीट ऊंचे हैं मंदिर के सबसे ऊपर वाले भाग में शिवलिंग उपलब्ध है और इस पर ब्रह्मांड की आकृति बनी हुई है।
- मंदिर के निर्माण में राजस्थान के बंसी पहाड़पुर के पत्थरों का उपयोग किए गए हैं। यह एक तरह के लाल पत्थर होते हैं और उनकी आयु कई वर्षों तक होते हैं।
- इसी के साथ इस योग मंदिर में नंदी महाराज की भी एक विशाल प्रतिमा स्थापित किया गया है। यहां सूर्य देव का मंदिर भी मिलेगा जो अष्टअखंड में बने हुए हैं।
- इस शिव मंदिर को कर करो में विभाजित किए गए हैं। इसका एक हिस्सा जमीन के अंदर और बाकी के तीन भागों में जमीन के ऊपर बनाए गए हैं । मंदिर के बीचों बीच स्वामी माधवानंद की समाधि है।