Bank Privatisation : रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के तरफ से बैंकों पर सख्ती अपनाई जा रही है। आप सभी को बता दे की सरकारी बैंक ने बेहतर प्रदर्शन करने के साथ ही खराब (Bad) लोन को भी काम किया है। इसी बीच कई सारे ऐसे बैंक हैं जिसका प्राइवेटाइजेशन को लेकर एक बार फिर चर्चा हो रहा है।
Zee Khabar, New Delhi, Social Media Khabar : आरबीआई के द्वारा सभी बैंकों पर जुर्माना लगाया जा रहा है। कई बैंक के लाइसेंस को भी कैंसिल कर दिया गया है। RBI इन दोनों बैंकों को लेकर बहुत ही सख्त है। दिन पर दिन सरकारी बैंक भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और वह बैड लोन को भी काम किया है। वही एक बार फिर से कई बैंक ऐसे हैं जिनका प्राइवेटाइजेशन (Bank Privatisation) को लेकर एक और फिर से चर्चा शुरू हो गया है सरकारी बैंकों के निजीकरण का मुद्दा सुलझता नहीं दिख रहा है।
वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नीति आयोग को नई लिस्ट तैयार करने के लिए भी कह दिया है। साल 2021-22 के बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी के द्वारा बैंक निजीकरण की बात कही गई थी।
आपको बता दे कि पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार ने पब्लिक सेक्टर के कई बैंक में बदलाव किए हैं पिछले 3 साल के अंदर केंद्र सरकार ने लगभग 27 सरकारी बैंक की संख्या को हटाकर 12 कर दिया है।
बैंक प्राइवेटाइजेशन को लेकर बनेगा नया लिस्ट
रिपोर्ट के मुताबिक आप सभी को बता दे की बैंक प्राइवेटाइजेशन के लिए नीति आयोग और भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ एक नए पैनल पर विचार किया जा रहा है वही नीति आयोग ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की सिफारिश भी की है ऐसे में वित्त मंत्रालय के तरफ से कहा गया है कि इनमें से सेंट्रल बैंक आफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह भी कहा गया है कि इन दोनों बैंकों की चर्चा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के बजट में ही किया था। इसके साथ ही आईडीबीआई बैंक और एक सामान्य बीमा कंपनी के प्राइवेटाइजेशन का भी ऐलान किया था लेकिन कुछ कर्म की वजह से इसे रोक दिया गया था और अब फिर से 2024 के मध्य नजर इसकी कवायत शुरू होने की उम्मीद है।
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