Sahara India News : सहारा इंडिया का मामला दिन पर दिन उलझता ही जा रहा है। यह ठग कंपनी का ना कोई और है और ना ही कोई छोर है। इधर सरकार तो सहारा इंडिया के मसले सुलझाने का काम कर रही है लेकिन निवेशक अपना धैर्य खो रहे हैं। निवेशकों को धैर्य कोना लाजमी है। क्योंकि उनका पैसा सहारा इंडिया चिटफंड कंपनी में फंसा हुआ है।
लेकिन इसी बीच सहारा इंडिया की अध्यक्ष श्रीमती स्वप्ना राय सहित कंपनी के पारा बैंकिंग अधिकारी OP श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का एक मामला दिल्ली में दर्ज हुआ था। इसके बाद फिर किया गया था। सहारा इंडिया की सहकारी समितियां में अपना पैसा निवेदक जमा किए थे परंतु समय अवधि पूर्ण होने के बाद भी सहारा इंडिया ने उसे निवेशक को पैसे को नहीं दिया और नहीं लौटाया। इसके बाद कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रबंधक करता ने फिर क्रमशः 0712/2022 दर्ज करवाई थी जिसमें आज तीस हजारी कोर्ट नई दिल्ली में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी।
जमानत याचिका पर जताया विरोध
आप सभी को बता दे की सहारा इंडिया से संबंधित जो भी पीड़ित निवेशक हैं और अभिकर्ता हैं उनकी लड़ाई जारी है। संयुक्त ऑल इंडियन संघर्ष न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शुक्ला जी के द्वारा बताया गया कि निवेशकों का पैसा इस तरीके से शहर और उनके अधिकारियों को डकार ने नहीं दिया जाएगा। अभय जी ने कहा कि संगठन लगातार निवेशकों की उनकी पाई पाई भुगतान दिलाने के लिए कठोर तरीके अपना रही है। जिसमें वह आंदोलन के साथ लीगल तौर पर लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं आपको बता दे कि इस जमानत या आज का कभी विरोध करने के बाद संगठन ने आज जंतर मंतर पर भी अपना भुगतान की मांग सरकार और सहारा प्रबंधन के सामने रखा है।
जमशेदपुर में किया गया डीसी ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन
Sahara India News Today : सहारा इंडिया लगातार अपनी मांग को बढ़ा रहे हैं। सहारा इंडिया का जमा करता के द्वारा बकाई भुगतान की मांग को लेकर डीसी ऑफिस के सामने गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया। यह धरना प्रदर्शन सहारा इंडिया ठगी पीड़ित जमा करता एकता मोर्चा आरोप लगाया गया है कि सहारा इंडिया रिफंड पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने पर आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है।
इसके साथ ही हुआ है वह ना तो आवेदन दे सकते हैं और ना ही एजेंट वह कागज शहर के पास है और उसके कर्मचारी ही उसे अपलोड कर सकते हैं ऐसी स्थिति में पोर्टल पर अन्य कागजात मांगना व्यावहारिक नहीं है। निवेशकों को दोबारा बताया गया की बार-बार हमारा पोर्टल पर आवेदन करने में जो पैसे खर्च होते हैं वह उचित नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि शहर और सेबी के बीच का विवाद में जमा करता हूं का क्या दोष है उन्होंने इस ऑनलाइन आवेदन को बंद कर दिल स्तर पर प्रयुक्त की देखरेख में सरल तरीके से भुगतान करवाने की मांग की है।
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