Government New Rules For Hospital Treatment 2024 : अगर आप भी अस्पताल अस्पताल साहित्य कई अन्य जगहों पर इलाज करवाने के लिए जाते हैं तो अबकी बार जाने से पहले यह चार बड़े नियम महत्वपूर्ण जानकारी आप लोगों को जान लेना चाहिए वरना आपको साल 2024 से दिक्कत तक का सामना करना पड़ सकता है। और कई बड़े फायदे से आप वंचित रह सकते हैं। सरकार के कुछ बड़े नए नियम 2024 में हॉस्पिटल से संबंधित निकल गया है।
हार्ट के मरीजों के लिए अच्छी खबर (Government New Rules For Hospital Treatment 2024)
सबसे पहले आप सभी को बता दे की सरकार के द्वारा नकली दवा बनाने वाली कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की विशेष दल बनाए हैं। आपको बता दे कि हमारे देश में खराब गुणवत्ता नकली क्वालिटी की दवाइयां काफी ज्यादा बिक रही है और देश के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा मनसुख मांडवीया के द्वारा कहा गया कि जो भी दवा कंपनी खराब क्वालिटी का दवा बनती है उनसे अब कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही डॉक्टर मांडवीया ने बताया कि नई दिल्ली में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों से भेंट किया जाएगा। उन्होंने बताया कि औषधि बनाने वाली कंपनियों के निरीक्षण के लिए विशेष दल बनाए गए हैं और नियमों का उल्लंघन करने वाले कंपनियों के खिलाफ कई कर जवाई की जाएगी और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सरकार ने दवा कंपनियों के लिए संशोधित अनुसूची एवं दिशा निर्देश अधिसूचित जारी किए हैं
आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक नई गाइडलाइंस और अधिसूचना को जारी किया गया है। जिसके तहत दवा कंपनियां किसी औषधि की वापस लेने के बारे में लाइसेंसी प्राधिकारी को सूचित करना होगा और उत्पाद की खराबी के बारे में जानकारी देनी होगी। अभी तक दावा वापस लेने पर प्राधिकारी को सूचित करने का कोई कानून नहीं था। लेकिन इसमें एक नया प्रावधान जारी कर दिया गया है।
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कफ सिरप को लेकर सरकार ने जारी किया नया गाइडलाइन
सरकार ने 4 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इन कोल्ड एंड फ्लू सिरप पर लगाया है बैन। इन सिरप पर अब वार्निंग भी लिखने को कहा है। आप सभी को बता दे की सभी राज्यों को एक पत्र लिखा गया है जिसमें कहा गया है क्लोरोफिनिरामाइन और फिनायल फ्राइन के मिश्रण से बने उत्पादों के पैकेज को अपडेट करने के लिए कहा गया है। आपको बता दे कि यह सभी दवाइयां अपने बच्चों को बिल्कुल भी ना दें। क्योंकि इस दवाई से 4 साल से कम उम्र के बच्चों को जान जाने की कई मामले सामने आए है।
मेडिकल के लिए अस्पताल में एडमिट रहना अनिवार्य नहीं सरकार बदलेगी नियम
आपको बता दे की वर्तमान समय में मेडिकल क्लेम के भी यह मरीज को 24 घंटे अस्पताल में भर्ती रहना पड़ता है। अगर ऐसा नहीं रहता है तो बीमा कंपनी मरीज के लिए क्लेम रिजेक्ट कर देती है। जो इंश्योरेंस की बीमा होता है उसकी राशि जारी नहीं किया जाता है। लेकिन सरकार ने इस नियम को बदलने जा रही है।
अब 24 घंटे से कम समय में अगर मरीज भर्ती रहता है तो भी कंपनी कलीम को खारिज नहीं कर पाएगी। इस संबंध में सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा इरडा के साथ बातचीत भी कर रही है। आपको बता दे कि इससे कई तरह के नियम में फायदा देखने को मिल सकता है।
ICU में एडमिट के लिए नया नियम जारी
जी हां आपने देखा होगा अक्सर कि जब आप हॉस्पिटल में जाते हैं तो मरीज को अस्पताल अपनी कमाई के चक्कर में आईसीयू में भर्ती करवा देता है। ऐसे में मरीज को आईसीयू में रहने की जरूरत भी नहीं है और कमाई के चक्कर में मरीज आईसीयू में पड़ा रहता है। क्योंकि आईसीयू का एक रात का किराया बहुत ज्यादा होता है और कमाई भी बहुत ज्यादा होती है। प्राइवेट अस्पतालों में ऐसे खूब गड़बड़ घोटाले देखने को मिलते हैं। यह कड़वी सच्चाई भी हो सकती है। और यह असलियत है।
लेकिन सरकार के द्वारा एक नया नियम जारी किया जा रहा है अब परिवार के मर्जी के बिना आईसीयू में मरीज को भारती नहीं कर सकते हैं। जी हां आपने सही सुना यह नए नियम आने से लोगों को काफी राहत मिलेगी। डॉक्टर और अस्पताल अब अपनी मनमानी नहीं कर सकेंगे।
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